भिवंडी शहर महानगर पालिका के ऊपर 225 करोड़ का कर्ज

भिवंडी। भिवंडी निजामपुर शहर महानगर पालिका इन दिनों 225 करोड़ रूपये के कर्ज के बोझ के नीचे दबी है। आर्थिक संकट के कारण अनेक विकास कार्य प्रभावित हुए है अनेक विकास कार्य मंदगति से शुरू है। नागरिकों की मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाने में पालिका प्रशासन पूरी तरह से विफल है। वही कर्ज को बोझ प्रतिवर्ष बढ़ता जा रहा है। पालिका की अधिकतर इमारतें जर्जर होने के कारण कई विभाग स्कूल व सार्वजनिक हालों में चलाऐ जा रहे है। सड़कें,शौचालय, स्कूल,उड़ान पुल मरम्मत करवाने के लिए पैसे नहीं है। दिन प्रतिदिन कर्ज का बोझ बढ़ रहा है। 

भिवंडी शहर महानगर पालिका को शासन से जीएसटी सब्सिडी के रूप में प्रति माह 30 करोड़ 27 लाख रुपये और टैक्स के रूप में सालाना 80 करोड़ रुपये मिल रहे है.जबकि 15 वें वित्त आयोग और अन्य स्रोतों से सालाना 50 करोड़ रुपये मिलते है। महानगर पालिका का औसत मासिक आय 40 से 45 करोड़ रुपये है।

महानगर पालिका के मुख्य लेखा अधिकारी किरण तायड़े ने बताया कि कर्मचारियों के मासिक वेतन और सेवानिवृत्ति पर कर्मचारियों के भुगतान और प्रतिबद्ध खर्चे कुल 38 करोड़ रूपये खर्च किये जा रहे है। इसके साथ साथ उन्होंने कहा की पालिका को कर्ज से बाहर निकालने के लिए करों में वृद्धि करना तथा पालिका की आय के अन्य स्रोतों को बढ़ाना आवश्यक है। 

भिवंडी के पूर्व महापौर जावेद दलवी ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि प्रशासक राज के दौरान पालिका पर कोई नियंत्रण नहीं है‌। इसलिए भारी मात्रा में पानी और बिजली बिल बकाया है। शासन से इसकी जांच करवाने के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय में लिखित रूप से निवेदन देकर मांग की गई है।


कर्ज का लेखा जोखा :

स्टेम प्राधिकरण -----40 करोड़

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बृहन्मुंबई महानगर पालिका ---10 करोड़

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एम एम आरडीए: कर्ज व ब्याज --101 करोड़

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टोरेंट पॉवर कंपनी ----- 21 करोड़ 

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सेवानिवृत्त कर्मचारियों व आश्वसित प्रगति योजना (12/24) ------ 13 करोड़

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ठेकेदार   ------------- 40 करोड

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