श्रमजीवी संगठन का पंचायत समिति कार्यालय के सामने अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन

भिवंडी। देश को आजाद हुए भले ही 77 साल हो गए है लेकिन आज भी ठाणे जिले में पीढियों से रह रहे आदिवासी और आदिम कातकरी जनजाति के मौलिक अधिकारों के मुद्दे लंबित पड़े हैं। श्रमजीवी संगठन के भिवंडी तालुका पदाधिकारियों के नेतृत्व में अपनी विभिन्न मागों को लेकर भिवंडी पंचायत समिति कार्यालय के सामने श्रमजीवी संगठना द्वारा अनिश्चितकालीन धरना आंदोलन शुरू है। 

आदिवासी समुदाय के नागरिकों के लिए रोजगार, पेयजल,गांव,आश्रय,जाति प्रमाण पत्र,राशन,शिक्षा,स्वास्थ्य की समस्याओं के साथ तालुका में अनुसूचित जनजातियों और अन्य पारंपरिक वन हक्क अधिकारों के 374 दावे भी लंबित है। सरकार ने गांव बनाने का निर्णय लिया है किन्तु इसे क्रियान्वित नहीं किया जा रहा है।आंदोलनकारियों ने इसकी आलोचना की है।इस अवसर पर श्रमजीवी संगठना के पदाधिकारी सागर देसक, सुनील लोणे, महेन्द्र निरगुडा, तानाजी लहांगे, मुकेश भांगरे, आशा भोईर के साथ साथ सैकड़ों महिला व पुरूष कार्यकर्ता इस आन्दोलन में सहभागी हुए है।

रिपोर्टर

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