भिवंडी पूर्व सीट के सपा उम्मीदवार शेख की साइकिल यादवों ने कर दी पंचर

भिवंडी के यादव शेट्टी के बने सारथी


सपा को बड़ा झटका: यादव समाज ने किया किनारा

भिवंडी। महाराष्ट्र के भिवंडी पूर्व विधानसभा सीट पर इस बार का चुनावी समीकरण बेहद रोचक मोड़ पर आ गया है। जैसे-जैसे चुनाव की तारीखें नजदीक आ रही हैं, सपा उम्मीदवार रईस कासम शेख की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। पहले से ही महाविकास आघाड़ी में कांग्रेस और अन्य घटक दलों ने उनसे दूरी बना रखी थी। अब यादव समाज ने भी उनका साथ छोड़ते हुए शिवसेना (शिंदे गुट) के उम्मीदवार संतोष शेट्टी के सारथी बन चुके है। यह बदलाव भिवंडी की सियासत में भूचाल की तरह देखा जा रहा है।

भिवंडी पूर्व सीट पर 3 लाख 70 हजार से अधिक मतदाता हैं, जिनमें लगभग 53 प्रतिशत मुस्लिम और 47 प्रतिशत हिंदू मतदाता शामिल हैं। इनमें यादव समाज का प्रभाव विशेष तौर पर हिंदू बाहुल्य क्षेत्रों जैसे कामतघर,फेना पाडा,पदमानगर, श्रीरंग नगर, मानसरोवर, भादवड़, टेमघर, नागांव और अन्य इलाकों में देखा जाता है। वर्षों से सपा का मजबूत वोट बैंक माने जाने वाले यादव समाज ने इस बार का रुख बदल दिया है। यादव समाज के भिवंडी शहर अध्यक्ष डॉ. एन.एल. यादव ने शिंदे गुट के संतोष शेट्टी का समर्थन करने से रईस शेख की चिंताएं बढ़ गई हैं।

भिवंडी में भाजपा उत्तर भारतीय मोर्चा के शहर अध्यक्ष मंगेश यादव और प्रचार प्रमुख पी.डी. यादव का नेतृत्व भी यादव समाज की इस एकजुटता में अहम भूमिका निभा रहा है इस बार वे अपनी राजनीतिक ताकत का बेहतर इस्तेमाल करते हुए शेट्टी को समर्थन देंगे। मंगेश यादव और पी.डी. यादव के मजबूत नेतृत्व के चलते, उत्तर प्रदेश और बिहार से जुड़े यादव समाज के लोग भी शेट्टी की ओर समर्थन जताते नजर आ रहे है।

राजनीतिक जानकारों का मानना है कि यादव समाज के इस कदम से रईस शेख के लिए जीत की राह अब बेहद कठिन हो गई है। सपा को झटका देते हुए यादव समाज का शेट्टी के समर्थन में खड़ा होना भिवंडी की सियासत में एक नया मोड़ लेकर आया है। जहां एक ओर रईस शेख के पारंपरिक वोट बैंक में सेंध लग चुकी है, वहीं संतोष शेट्टी की जीत की संभावना अब और अधिक प्रबल होती दिख रही है। इस सीट का यह बदलता चुनावी समीकरण यह दर्शाता है कि इस बार यादव समाज अपने निर्णय में स्पष्ट है। इसका असर न केवल सपा के मतों पर पड़ेगा बल्कि शेट्टी को मजबूत समर्थन भी मिल सकता है। चुनावी दंगल में यादव समाज की इस भूमिका ने भिवंडी की राजनीति में एक नई हलचल पैदा कर दी है। जो चुनाव परिणाम को गहराई से प्रभावित कर सकती है।

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