शिवसेना के पूर्व विधायक रूपेश म्हात्रे की बर्खास्तगी शिवसेना की बनी मुसीबत

अंबाडी की सभा में कुर्सियां रही खाली


शिवसेना में मचा हड़कंप। घाटाल का गणित फेल

भिवंडी। शिवसेना में बगावत की चिंगारी तेज़ी से लपटें पकड़ रही है! भिवंडी लोकसभा  प्रमुख और प्रभावशाली नेता पूर्व विधायक रूपेश म्हात्रे की बर्खास्तगी ने पार्टी के भीतर उथल-पुथल मचा दी है। शिवसैनिकों के गुस्से और निराशा ने उद्धव सेना की ताकत को सीधी चुनौती दे दी है।

जानकारी के अनुसार, रूपेश म्हात्रे ने हाल ही में भिवंडी पूर्व से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर नामांकन दाखिल किया था, जिससे पार्टी में हड़कंप मच गया। दबाव के बाद भले ही उन्होंने नामांकन वापस ले लिया हो, लेकिन इसके बावजूद शिवसेना ने कठोर कदम उठाते हुए उन्हें पार्टी से बाहर कर दिया। इस फैसले से कार्यकर्ताओं का गुस्सा फूट पड़ा है, और शिवसैनिकों के बीच खासी नाराजगी फैल गई है।

अंबाडी में आयोजित उद्धव सेना की चुनावी महासभा में इसका असर साफ दिखा।सैकड़ों खाली कुर्सियां, नारेबाज़ी की कमी, और फीकी पड़ी जोश की लहर इस बात का संकेत थीं कि पार्टी में कुछ बड़ा गलत हो रहा है। शिवसैनिकों का कहना है कि म्हात्रे की बर्खास्तगी उनके साथ अन्याय है और कई लोग खुलेआम पार्टी नेतृत्व के खिलाफ बोलने लगे हैं।बस्थिति इतनी गंभीर हो चुकी है कि कुछ राजनीतिक जानकार इसे शिवसेना के लिए 'तूफान से पहले की खामोशी' मान रहे हैं। सवाल उठता है कि क्या उद्धव सेना इस विद्रोह को संभाल पाएगी, या रूपेश म्हात्रे की लोकप्रियता का यह असर भिवंडी में पार्टी की जड़ों को हिला देगा ?

इस बगावत की आग अगर इसी तरह फैली, तो शिवसेना को आगामी चुनाव में भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। भिवंडी में शिवसेना के खिलाफ उठती नाराजगी की लहर को शांत करना पार्टी नेतृत्व के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन गई है। नही शिवसेना एक बार भिवंडी ग्रामीण की सीट पर नुकसान उठा सकती है।

रिपोर्टर

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