डॉ.आशुतोष सिंह को मिला चाइना का हाई एंड फॉरेन टैलेंट इंट्रोडक्शन अवार्ड,विश्व स्तर पर क्षेत्र का बढ़ा सम्मान

टैंगचोंग साइंटिस्ट फोरम में किया गया सम्मानित


एनएसएफसी फेलोशिप के लिए भी हो चुका है चयन


शाहगंज।विकासखंड क्षेत्र सुईथाकला  के भेला गांव निवासी चीन में  बतौर वैज्ञानिक  के पद पर कार्यरत  डॉ.आशुतोष सिंह (पुत्र स्व.जितेंद्र कुमार सिंह) को शोध के क्षेत्र में विशेष योगदान के लिए विज्ञान एवं तकनीकी मंत्रालय युन्नान द्वारा हाई एण्ड फॉरेन टैलेंट इंट्रोडक्शन अवार्ड से सम्मानित किया गया। शोध के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान और अनुसंधान के क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए यह सम्मान उन्हें दिया गया।राज्य के विभिन्न जनप्रतिनिधियों ,अधिकारियों और विश्वविद्यालयों के  कुलपतियों की गरिमामयी उपस्थिति मे इस अवार्ड से सम्मानित किया गया। चार दिवसीय साइंटिस्ट  फोरम में 50 से अधिक देश के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया था।राष्ट्रीय  प्राकृतिक विज्ञान कोष( नेशनल नेचुरल साइंस फाउंडेशन ऑफ चाइना- एनएसएफसी) अनुसंधान अनुदान( ग्रांट) के लिए  सेलेक्शन हुआ है।चाइनीज अकैडमी आफ साइंसेज में कार्यरत आशुतोष सिंह चयनित व्यक्ति हैं।

हाई स्कूल व इंटरमीडिएट की शिक्षा श्री गांधी स्मारक इंटर कॉलेज समोधपुर तथा आगे की पढ़ाई बीएचयू से हुई।ग्रामीण क्षेत्र से जब कोई युवा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति अर्जित करता है तो वह उपलब्धि और भी अधिक महत्वपूर्ण साबित हो जाती है।गांव, जनपद और प्रदेश ही नहीं बल्कि देश का गौरव अंंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ाने वाले आशुतोष सिंह ने अपने विद्यालय, माता-पिता और क्षेत्र का नाम रोशन किया।डॉ.सिंह ने  अपनी उपलब्धि का श्रेय अपने माता-पिता की प्रेरणा और त्याग को दिया है जिन्होंने अधूरे मन से प्रदान किये गए विदेश जाने के सुनहरे अवसर को दिया जबकि मां-बाप चाहते थे कि वह अपने ही देश में रहकर सेवा करें।

उन्होंने बताया कि इंटर कॉलेज समोधपुर के पूर्व प्रधानाचार्य डॉ.रणजीत सिंह  के नेतृत्व और मार्गदर्शन में  विद्यालय में स्थापित स्वस्थ शैक्षणिक और अनुशासनात्मक माहौल,शिक्षकों पूर्व हिंदी प्रवक्ता शीतला प्रसाद उपाध्याय,पूर्व  भौतिकी प्रवक्ता विनोद तिवारी, जीव विज्ञान प्रवक्ता अजय कुमार सिंह,विनय त्रिपाठी अंग्रेजी प्रवक्ता  सहित समस्त शिक्षकों द्वारा प्रदान उत्तम एवं गुणवत्ता परक शिक्षा ने सफलता दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। रिसर्च के क्षेत्र में डॉ नंदिता सिंह, पुनीत सिंह चौहान, विवेक पांडेय तथा अनिल कुमार पांडेय व विजय कृष्ण ने हमेशा प्रोत्साहित किया। प्रो.वेंजी ल्यु  ने लक्ष्य के प्रति सकारात्मक दिशा दी।परीक्षाओं में करियर तलाश रहे युवाओं के प्रति संदेश देते हुए डॉ.आशुतोष सिंह ने कहा कि एक लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करके तैयारी करने पर ही सफलता हासिल होती है।उन्होंने कहा कि सिविल सेवाओं में अपनी पूरी जिंदगी खपाने वाले युवा विज्ञान के क्षेत्र में आगे आएं।साइंस में करियर की अपार संभावनाएं हैं।सिविल सेवाओं के प्रभाव में आकर युवा मार्ग से विचलित हो जाते हैं।ऐसे लोगों को  त्वरित सफलता के चक्कर में न पड़कर साइंस में करियर की तलाश करनी चाहिए।उन्होंने कहा कि देश का विकास विज्ञान, इंजीनियरिंग और चिकित्सा पर विशेष रूप से निर्भर है। विज्ञान के क्षेत्र में प्रतिभाओं को आगे बढ़ने से कोई भी नहीं रोक सकता।पत्नी प्रतीक्षा सिंह कहती हैं कि इस सफलता से स्वयं को बहुत गौरवान्वित महसूस कर रही हूं। हमारी भी सोच थी कि वह ऊंचाई की बुलंदियों को छुएं जिसे उन्होंने साबित कर दिया  किंतु जिंदगी का सफर यहीं पूरा नहीं हुआ अभी और भी आगे जाना है।

गांधी स्मारक विद्यालय संकुल के प्रबंधक हृदय प्रसाद सिंह रानू ने इस उपलब्धि को देश के लिए बड़ी उपलब्धि बताया।प्रबंधक ने कहा कि इससे पूरे क्षेत्र, माता-पिता और विद्यालय परिवार  का नाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रोशन हुआ है।पूर्व प्रधानाचार्य डॉ. रणजीत सिंह ने कहा कि वह   पहले से ही एक प्रतिभाशाली छात्र था।उम्मीदों पर खरा उतरकर पूरे समाज का सम्मान विश्व स्तर पर स्थापित किया। विद्यालय का पूर्व छात्र विशेष रूप से ग्रामीण युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत साबित हो रहा है।चाचा राजेंद्र कुमार सिंह ने प्रसन्नता व्यक्त की।उन्होंने कहा कि इससे न केवल माता-पिता, क्षेत्र ,परिवार का नाम  रोशन हुआ बल्कि आने वाली नई  पीढियाँ प्रेरणा लेकर जीवन के लक्ष्य को हासिल करेंगी।जालौन जनपद में  एडीसीओ के पद पर तैनात रविंद्र कुमार सिंह ने क्षेत्र के युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत बताया। उन्होंने कहा कि गांव की प्रतिभाएं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर क्षेत्र का सम्मान बढ़ा रही हैं यह पूरे क्षेत्र के लिए गर्व का विषय है। उच्च न्यायालय प्रयागराज के अधिवक्ता धर्मेंद्र कुमार सिंह पिंटू ने कहा कि गांव की मिट्टी की सुगंध विश्व स्तर पर फैल रही है  इससे पूरा समाज आह्लादित है।

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय जनसंचार विषय   के गोल्ड मेडलिस्ट रामनरेश प्रजापति ने कहा कि बचपन से ही वह कुशाग्र बुद्ध के और चिंतनशील छात्र थे।लकीर से हटकर चलना उनका स्वभाव था जिसका सुखद परिणाम उनकी सफलता के रूप में दिखाई दिया।बजरंगबली सिंह,रामपाल सिंह , संजीव कुमार सिंह,शत्रुघ्न सिंह ,योगेंद्र कुमार सिंह,हिमांशु पांडेय,डॉ शिवानी सिंह,गोपाल कृष्ण दीक्षित,संदीप पांडेय,विकास सिंह ,अजय सिंह आदि लोगों ने भी  हार्दिक बधाई देते हुए उज्जवल भविष्य की कामना की।

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